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मुस्लिम वैज्ञानिकों की अनदेखी विरासत: कैसे इस्लामी सभ्यता ने आधुनिक दुनिया गढ़ी, लेकिन इतिहास ने किया नज़रअंदाज!"

World-Muslim-Scientist नई दिल्ली, 13 मार्च 2025: आज हम एक ऐसी सच्चाई से रूबरू हो रहे हैं, जो इतिहास की किताबों में शायद ही पूरी तरह उजागर हुई हो। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वायरल थ्रेड ने इस बात को हाईलाइट किया है कि कैसे मुस्लिम वैज्ञानिकों और विद्वानों ने आधुनिक दुनिया की नींव रखी, लेकिन यूरोसेंट्रिक नजरिए ने इन योगदानों को बार-बार नज़रअंदाज किया है। यह खुलासा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या हमने इतिहास को सही ढंग से समझा है? अल-ख्वारिज़्मी से अल-ज़हरावी तक: गणित, चिकित्सा और तकनीक में क्रांति एक्स पर प्रसिद्ध उपयोगकर्ता @7signxx ने एक शानदार थ्रेड साझा किया, जिसमें दावा किया गया कि बिना मुस्लिम योगदानों के आज की आधुनिक दुनिया की कल्पना भी नहीं की जा सकती। 9वीं सदी के महान गणितज्ञ अल-ख्वारिज़्मी, जिन्हें 'बीजगणित' (एलजेब्रा) का जनक माना जाता है, ने गणित और तकनीक की बुनियाद रखी। उनके काम के बिना आज के कंप्यूटर, इंजीनियरिंग और भौतिकी जैसी विधाएं संभव नहीं थीं। इसके अलावा, अल-ज़हरावी, जिन्हें आधुनिक सर्जरी का पिता कहा जाता है, ने 200 से अधि...

धूना, धूने, धूनो, समाज का इतिहास / Mansoori samaj ka itihas / History of Mansoori Samaj

www.village-viral.com/Masoori-Samaj भारतीय जाति व्यवस्था का इतिहास विभिन्न युगों में विकसित हुआ है। इसके अनुसार, भारतीय समाज को चार मुख्य वर्णों में बाँटा गया था - ब्राह्मण, शत्रिय, वैश्य, और शूद्र। संस्कृत में वर्ण शब्द का अर्थ होता है "रंग" या "वर्णन"। इस व्यवस्था में, ब्राह्मण वर्ण के लोग धार्मिक ग्रंथों के पठन-पाठन में विशेषज्ञ थे, शत्रिय वर्ण युद्ध और राजनीति के क्षेत्र में अधिक गतिविधियों में लगे थे, वैश्य वर्ण वाणिज्य और व्यापार में व्यस्त थे, और शूद्र वर्ण के लोग सामाजिक काम करते थे। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे है भारत के एक समुदाय के बारे में जो धर्म से मुस्लिम है और उनकी जाती का नाम धूना है जिसका सरनेम मंसूरी है। इंटरनेट पर इस समुदाय के बारे में बहुत ही काम जानकारी मिलेगी लेकिन इस आर्टिकल के माध्यम से आप इस समाज के बारे में कुछ बातें जान सकेगे। धुने धुनिया मँसूरी समाज का इतिहास और पेशा रूई को पीन कर रजाई तैयार करना था मँसूरी एक लकब है जो ईरान शहर मे पैदा हुए सूफी शहिद मँसूर हल्लाज के नाम को अपना सरनेम लगाते है मँसूरी समाज भारत में निवास है...