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ट्रंप का मिडिल ईस्ट के अरब देशों को नया ऑफर, मिडिल ईस्ट मे शांति चाहते हो तो कर ले ये समझौता

न्यूज़,मिडिल ईस्ट,अब्राहम समझौता दिल्ली, 07 अगस्त 2025, शाम 7:41 बजे (IST): अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर मिडिल ईस्ट के देशों को बड़ा ऑफर दिया है। ट्रंप ने कहा है कि अगर ये देश अब्राहम समझौते में शामिल होकर इजरायल की सुरक्षा करें, तो मिडिल ईस्ट में शांति कायम हो सकती है। हाल ही में उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर खूब हलचल मचा दी है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "मेरे लिए ये बहुत जरूरी है कि मिडिल ईस्ट के सभी देश अब्राहम समझौते में शामिल हों, तभी क्षेत्र में स्थायी शांति आएगी।" क्या है अब्राहम समझौता?सोशल मीडिया पर गर्मागर्म बहस, दिल्ली वालों की राय अब्राहम समझौता 2020 में ट्रंप के कार्यकाल में शुरू हुआ था, जिसके तहत इजरायल और यूएई, बहरीन, सूडान, मोरक्को जैसे अरब देशों के बीच रिश्ते सामान्य हुए थे। लेकिन नया बयान ऐसा लगता है कि ट्रंप चाहते हैं और देश इसमें जुड़ें। मगर सवाल ये है कि क्या ये ऑफर सचमुच शांति लाएगा? कई लोग मानते हैं कि ये इजरायल के हितों को बढ़ावा देने वाला कदम है, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है। ट्विटर (अब एक्स) पर यूजर्स ट्रंप के...

ईरान को सबक सिखाने के लिए सऊदी-इजरायल का गुप्त प्लान! क्या सऊदी और इजरायल बन गए गुप्त साथी: जानिए पूरा सच!

न्यूज़,इंटरनेशनल न्यूज़,मिडिल ईस्ट नई दिल्ली, 3 जुलाई 2025: हाल ही में एक बड़ी खबर ने सबका ध्यान खींचा है। सोशल मीडिया पर चर्चा जोरों पर है कि सऊदी अरब ने इजरायल की मदद की है, वो भी गुपचुप तरीके से! जी हां, ईरान के मिसाइल हमले से इजरायल को बचाने में सऊदी अरब ने अपनी भूमिका निभाई है, हालांकि publicly (खुलेआम) वो इजरायल के खिलाफ बोलता रहा है। ये खबर इजरायली अखबार 'इजरायल हायोम' से आई है, जिसमें बताया गया है कि सऊदी अरब ने रडार डेटा, खुफिया जानकारी और अपने नॉर्दन एयरस्पेस को इजरायली विमानों के लिए खोल दिया। क्या है पूरा मामला? इससे पहले भी रहा है गुप्त सहयोग, सोशल मीडिया पर बवाल पिछले साल अक्टूबर 2024 में ईरान ने इजरायल पर करीब 200 मिसाइलें दागी थीं। इस हमले को रोकने में सऊदी अरब, यूएई, जॉर्डन और अमेरिका ने मिलकर काम किया। सऊदी ने इजरायल को हवा से हवा में मिसाइलें और ड्रोन रोकने में मदद की। लेकिन हैरानी की बात ये है कि सऊदी अरब ने इसे सार्वजनिक नहीं किया, क्योंकि वो अपने देश में मुस्लिम दुनिया के सामने अपनी छवि बनाए रखना चाहता है। इस गठजोड़ की वजह साफ है - ईरान दोनों देशों के लिए ...