दिल्ली रेड फोर्ट ब्लास्ट की आड़ में फर्जी ATS व NIA बनकर महिला को गिरफ़्तारी का डर दिखाकर कानपुर में 6.66 लाख रुपये लूटे
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| साइबर ठगी,डिजिटल अरेस्ट,दिल्ली |
कानपुर/नई दिल्ली | 18 नवंबर 2025 : देश की राजधानी दिल्ली में 10 नवंबर 2025 को लाल किले के पास हुए भयानक कार बम धमाके ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस आतंकी हमले में 13 से ज्यादा लोग मारे गए और 20 से अधिक घायल हुए। जांच एजेंसियां अभी इस घटना की गुत्थी सुलझा रही हैं कि तभी साइबर ठगों ने इस डर का फायदा उठाकर एक नया खेल शुरू कर दिया। कानपुर में एक महिला को फोन करके खुद को ATS और NIA का अधिकारी बताकर "डिजिटल अरेस्ट" कर लिया गया और उनसे 6.66 लाख रुपये ठग लिए गए!
क्या है पूरा मामला?
कानपुर की एक महिला को 9 नवंबर को पहला फोन आया। ठग ने खुद को ATS (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) का अधिकारी बताया और कहा कि महिला का नाम कुछ संदिग्ध गतिविधियों में आया है। महिला घबरा गईं, लेकिन ठग ने कहा कि अभी कुछ कन्फर्म नहीं है, जांच चल रही है।
अगले ही दिन 10 नवंबर को दिल्ली में कार बम ब्लास्ट हो गया। ठगों ने तुरंत मौके का फायदा उठाया। 11 नवंबर को फिर फोन आया, इस बार खुद को NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) का बड़ा अधिकारी बताकर धमकाया – "आपके परिवार का नाम दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ा है। कश्मीर से लिंक है। अगर पैसे नहीं ट्रांसफर किए तो पूरे परिवार को जेल हो जाएगी। आप अभी डिजिटल अरेस्ट में हैं – घर से बाहर मत निकलना, किसी से बात मत करना!"
महिला इतना डर गईं कि बिना कुछ सोचे-समझे RTGS से 6 लाख 66 हजार रुपये ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब होश आया तो कानपुर पुलिस साइबर सेल में शिकायत की। पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
डिजिटल अरेस्ट क्या होता है?
ये एक नया तरह का साइबर फ्रॉड है। ठग फोन या वीडियो कॉल करते हैं, पुलिस या NIA की यूनिफॉर्म पहने दिखते हैं। फेक डॉक्यूमेंट भेजते हैं – जैसे अरेस्ट वारंट, कोर्ट ऑर्डर वगैरह। फिर कहते हैं कि आपका नाम मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स या अब तो आतंकवाद जैसे बड़े केस में आ गया है। "डिजिटल अरेस्ट" में हैं, घर से मत निकलो, घंटों वीडियो कॉल पर रखते हैं और पैसे ट्रांसफर करवाते हैं।
2024 में ऐसे केस 300% तक बढ़ गए थे (NCRB के आंकड़ों के मुताबिक) और अब 2025 में दिल्ली ब्लास्ट जैसे बड़े घटनाओं का इस्तेमाल करके ठग और खतरनाक हो गए हैं।
पुलिस की चेतावनी – ऐसे बचें! आप भी सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!
कानपुर पुलिस साइबर सेल के अधिकारी कहते हैं:
- असली पुलिस या NIA कभी फोन पर पैसे नहीं मांगती।
- कोई भी धमकी मिले तो तुरंत 1930 (साइबर क्राइम हेल्पलाइन) पर कॉल करें।
- अनजान नंबर से आए कॉल पर बैंक डिटेल्स या पैसे ट्रांसफर बिल्कुल न करें।
- परिवार या पुलिस स्टेशन जाकर वेरिफाई करें।
दिल्ली ब्लास्ट की जांच में NIA और ATS असली आतंकियों को पकड़ रही हैं, लेकिन इन फेक ठगों से भी देशवासियों को सावधान रहना होगा। डर का फायदा उठाकर ये लोग आम आदमी की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं।
अगर आपके साथ ऐसा कुछ हुआ हो तो तुरंत पुलिस को बताएं।
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